*परमेश्वर का "वचन" क्या है ?*
*परमेश्वर का "वचन" क्या है ?*📖 आईऐ हम मिल कर इसे पढ़ने,समझने और अपने जीवन पर लागू करने और दूसरे लोगों तक पहुँचाने का लगातार प्रयत्न करें 📖📖📖📖📖📖📖
*वचन* परमेश्वर है ।
(यूहन्ना 1:1)
*वचन* आत्मा है ।
(यूहन्ना 6:63)
*वचन* देहधारी है ।
(यूहन्ना 1:14)
*वचन* भोजन है ।
(इब्रानियों 5:12-14)
*वचन* तलवार है ।
(इफिसियों 6:17)
*वचन* दीपक है ।
(भजनसंहिता 119:105)
*वचन* दर्पण है ।
(याकूब 1:23-24)
*वचन* बीज है ।
(1पतरस1:23)
*वचन* आग है ।
(यिर्मयाह 23:29)
*वचन* हथौड़ा है ।
(यिर्मयाह 23:29)
*वचन* की शक्ति को समझो
प्रभु यीशु ने कहा तुम *वचन* और परमेश्वर की सामर्थ्य नहीं जानते इस कारण भूल में पड़े हो । (मत्ती 22:29)
*वचन* से ही हमें जीवन मिलता है । (यूहन्ना 20:31) *वचन* हमें पवित्र करता है
(यूहन्ना 17:17)
*वचन* हमारी उन्नति कर सकता है ।
(प्रेरितों के काम 20:32) *वचन* दिल को खुश करता है । (भजनसंहिता 19:8) *वचन* पाप से दूर करता है
(भजनसंहिता 119:11) *वचन* दिलों को आत्मिक गीतों से भरता है ।
(कुलुस्सियों 3:16) *वचन* भविष्य के लिए चेतावनी देता है ।
(1कुरिन्थियों 10:11-12) *वचन* से ही दुष्ट पर जय पाई जा सकती है ।
(1यूहन्ना 2:14)
*वचन* ही चँगाई देता है
(मत्ती 8:16)
*वचन* उद्धार प्राप्त करने के लिए बुद्धिमान बनाता है ।
(1तीमुथियुस 3:15)
*वचन* प्रभावशाली है
(1थिस्सलुनीकियों 2:13) *वचन* हमारे प्राणों का उद्धार करता है । (याकूब 1:21)
*वचन* अनन्त जीवन के लिए पक्का विश्वास दिलाता है
(1यूहन्ना 5:13) *वचन* कभी भी टलता नहीं
(मत्ती 24:35) *वचन* को ख़ुदा ने अपने बड़े नाम से भी अधिक महत्व दिया
(भजनसंहिता 138:2)
*वचन* के द्वारा ही सारी सृष्टि को बनाया गया । *वचन* से ही हमारा उद्धारकर्ता पैदा हुआ । *वचन* में सब कुछ होने के बाद भी आज विश्वासियों के पास *वचन* पढ़ने के लिए समय नहीं है लेकिन याद रखें कि अगर आप *वचन* से दूर रहे तो एक दिन यही *वचन* है जो आपका न्याय भी करेगा । इसलिए हर रोज़ *वचन* पढें, *वचन* पर मनन करें, *वचन* दूसरों के साथ बाँटें और *वचन* के अनुसार ही अपना जीवन बिताएँ ताकि प्रभु जब बादलों पर आपको लेने के लिए आए तो आप प्रभु को त्यार मिलें और वह आपको अपने साथ ले जाए ।
परमेश्वर इस *वचन* के द्वारा आपका विश्वास और अधिक मज़बूत हो ।
🕊🕊🕊🕊🕊🕊🕊 इस पवित्र और ज़िंदा *वचन* के द्वारा _*प्रभु यीशु* आपकी आत्मिक उन्नति करें और आपको आत्मिक शांति,पापों की माफ़ी,अनन्त जीवन,स्वर्ग का राज्य,आत्मिक और स्वर्गिक आशीष दें, _*प्रभु यीशु* को ही सारी महिमा मिले जो था,जो है और जो बहुत जल्दि बादलों पर आने वाला है । _*प्रभु की महिमा हो* 💐💐💐💐💐💐💐
*वचन* परमेश्वर है ।
(यूहन्ना 1:1)
*वचन* आत्मा है ।
(यूहन्ना 6:63)
*वचन* देहधारी है ।
(यूहन्ना 1:14)
*वचन* भोजन है ।
(इब्रानियों 5:12-14)
*वचन* तलवार है ।
(इफिसियों 6:17)
*वचन* दीपक है ।
(भजनसंहिता 119:105)
*वचन* दर्पण है ।
(याकूब 1:23-24)
*वचन* बीज है ।
(1पतरस1:23)
*वचन* आग है ।
(यिर्मयाह 23:29)
*वचन* हथौड़ा है ।
(यिर्मयाह 23:29)
*वचन* की शक्ति को समझो
प्रभु यीशु ने कहा तुम *वचन* और परमेश्वर की सामर्थ्य नहीं जानते इस कारण भूल में पड़े हो । (मत्ती 22:29)
*वचन* से ही हमें जीवन मिलता है । (यूहन्ना 20:31) *वचन* हमें पवित्र करता है
(यूहन्ना 17:17)
*वचन* हमारी उन्नति कर सकता है ।
(प्रेरितों के काम 20:32) *वचन* दिल को खुश करता है । (भजनसंहिता 19:8) *वचन* पाप से दूर करता है
(भजनसंहिता 119:11) *वचन* दिलों को आत्मिक गीतों से भरता है ।
(कुलुस्सियों 3:16) *वचन* भविष्य के लिए चेतावनी देता है ।
(1कुरिन्थियों 10:11-12) *वचन* से ही दुष्ट पर जय पाई जा सकती है ।
(1यूहन्ना 2:14)
*वचन* ही चँगाई देता है
(मत्ती 8:16)
*वचन* उद्धार प्राप्त करने के लिए बुद्धिमान बनाता है ।
(1तीमुथियुस 3:15)
*वचन* प्रभावशाली है
(1थिस्सलुनीकियों 2:13) *वचन* हमारे प्राणों का उद्धार करता है । (याकूब 1:21)
*वचन* अनन्त जीवन के लिए पक्का विश्वास दिलाता है
(1यूहन्ना 5:13) *वचन* कभी भी टलता नहीं
(मत्ती 24:35) *वचन* को ख़ुदा ने अपने बड़े नाम से भी अधिक महत्व दिया
(भजनसंहिता 138:2)
*वचन* के द्वारा ही सारी सृष्टि को बनाया गया । *वचन* से ही हमारा उद्धारकर्ता पैदा हुआ । *वचन* में सब कुछ होने के बाद भी आज विश्वासियों के पास *वचन* पढ़ने के लिए समय नहीं है लेकिन याद रखें कि अगर आप *वचन* से दूर रहे तो एक दिन यही *वचन* है जो आपका न्याय भी करेगा । इसलिए हर रोज़ *वचन* पढें, *वचन* पर मनन करें, *वचन* दूसरों के साथ बाँटें और *वचन* के अनुसार ही अपना जीवन बिताएँ ताकि प्रभु जब बादलों पर आपको लेने के लिए आए तो आप प्रभु को त्यार मिलें और वह आपको अपने साथ ले जाए ।
परमेश्वर इस *वचन* के द्वारा आपका विश्वास और अधिक मज़बूत हो ।
🕊🕊🕊🕊🕊🕊🕊 इस पवित्र और ज़िंदा *वचन* के द्वारा _*प्रभु यीशु* आपकी आत्मिक उन्नति करें और आपको आत्मिक शांति,पापों की माफ़ी,अनन्त जीवन,स्वर्ग का राज्य,आत्मिक और स्वर्गिक आशीष दें, _*प्रभु यीशु* को ही सारी महिमा मिले जो था,जो है और जो बहुत जल्दि बादलों पर आने वाला है । _*प्रभु की महिमा हो* 💐💐💐💐💐💐💐
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