पवित्रात्मा का व्यक्तित्व
*पवित्रात्मा का व्यक्तित्व*
*सृजनहार और जीवनदाता है*
आय्युब 33:4
*मंडली के सेवको को नियुक्त करता और उन्हे कार्य सौंपता है*
यशा 48:16, प्रेरित 13:2,20:28
*प्रचार करने का स्थान बताता है*
प्रेरित 8:29,10:19-20
*प्रचारक को बताता है कि कहाँ पर प्रचार ना किया जाये*
प्रेरित 16:6-7
*बताता है कि क्या प्रचार किया जाये*
1कुरि 2:13
*वह नबियो में और और उनके द्वारा बोला*
प्रेरित 1:16, 1पतरस 1:11, 21
*वह पापियो के प्रति प्रयत्न्शील है*
उत्पत्ति 6:3
*वह उलाहना देता है*
यूहन्ना 16:8
*वह शान्ति देता है*
प्रेरित 9:31
*हमारी दुर्बलता में सहायक है*
रोमि 8:26
*वह शिक्षा देता है*
यूहन्ना 14:26 1कुरि 12:3
*वह अगुवाई करता है*
यूहन्ना 16:13
*वह पवित्र करता है*
रोमि 15:16 1कुरि 6:11
*वह यीशु की गवाही देता है*
यूहन्ना 15:26
*वह यीशु की महिमा करता है*
यूहन्ना16:14
*उसमे अपनी निज शक्ति है*
रोमि 15:13
*वह सबकुछ जाँचता है*
रोमि 11:33-34, 1कुरि 2:10-11
*वह अपनी इच्छा अनुसार कार्य करता है*
1कुरि 12:11
*वह प्रभु के दासो में रहता है*
यूूहन्ना 14:27
*ध्यान देने वाली चार बातें- ये कभी ना करे*
*1-पवित्रात्मा को उदास किया जा सकता है*
इफ़ि 4:30
*2-पवित्रात्मा बलवा(चिढ़या )जा सकता है*
यशा 63:10
*3-पवित्रात्मा का सामना किया जा सकता है*
प्रेरित 7:51
*4-पवित्रात्मा की परीक्षा की जा सकती है*
प्रेरित 5:9
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